शिमला जानें से बचें, हाईवे पर हुई लैंड स्लाइडिंग
- By Vinod --
- Sunday, 30 Jul, 2023
Avoid Shimla, land sliding on the highway
Avoid Shimla, land sliding on the highway- शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन से दुश्वारियां बरकरार हैं। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों सडक़ें ठप पड़ी हैं। जबकि कालका-शिमला नेशनल हाईवे-पांच पर परवाणू के टीटीआर के समीप रविवार दोपहर करीब 3.18 बजे सडक़ पर पहाड़ी से बड़ी मात्रा में मलबा और पत्थर आ गए हैं। इस कारण हाईवे पर रविवार दोपहर बाद वाहनों की आवाजाही पर ब्रेक लग गई। दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। हाईवे बंद होने की सूचना मिलने के बाद पुलिस और फोरलेन निर्माता कंपनी की टीम मौके पर पहुंची। सडक़ पर से मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है।
यात्रियों, वाहन चालकों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इससे पहले रविवार सुबह 10.00 बजे तक राज्य में दो नेशनल हाईवे सहित 364 सडक़ें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद थीं। शिमला जिले में सबसे अधिक 167 और कुल्लू में 89 सडक़ें बाधित हैं। इसके साथ ही 414 बिजली ट्रांसफार्मर व 514 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित चल रही हैं। उधर, जिला किन्नौर के चौरा और नाथपा के पास एनएच पांच पर शनिवार देर शाम फिर भूस्खलन हो गया।
इससे किन्नौर का सडक़ संपर्क शिमला से फिर कट गया। हालांकि, रविवार सुबह सडक़ को छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया है। वहीं, ब्रौनी खड्ड के पास एनएच पर बड़े वाहनों की आवाजाही लगातार तीसरे दिन भी बंद है। रामपुर बाजार में शनिवार रात से बिजली गुल होने से लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। निरमंड खंड के अंतर्गत चाटी-समेज संपर्क मार्ग तीन दिन से बंद है। सिरमौर में 18 सडक़ें बंद हैं। नाहन शहर में लोगों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है। चंबा के चुराह उपमंडल के चीह गांव में भूस्खलन से सेब के 30 पेड़ नष्ट हो गए हैं।
मौसम खराब होने की वजह से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का होली दौरा रद्द हो गया। इसके बाद सुक्खू धर्मशाला से सडक़ मार्ग के जरिये चंबा पहुंचे। वहीं, कुल्लू जिले में लगातार जारी बारिश, जगह-जगह भूस्खलन के चलते सभी सरकारी तथा निजी स्कूलों को 5 अगस्त तक बंद रखने का फैसला लिया गया है। यह जानकारी उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने रविवार को दी।
कोटखाई में उफनते नाले को पार करने का वीडियो वायरल
प्रदेश में बारिश से नदी-नाले उफान पर है। कई जगह लोगों को जान जोखिम में डालकर उफनते नालों को पार करना पड़ रहा है। इसी तरह का मामला शिमला जिले के कोटखाई में सामने आया है। कोटखाई के बाघी क्षेत्र में क्यारवी नाले को जान जोखिम में डालकर पार करते कुछ लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वीडियो में कई लोग एक-दूसरे का हाथ पकडक़र उफनते नाले को पार करते नजर आ रहे हैं। प्रशासन ने अपील की है कि बरसात में नदी-नालों से दूर रहें।
पहले ब्यास ने मचाई तबाही, अब भूस्खलन ने बढ़ाईं मुश्किलें
कुल्लू में ब्यास नदी का रौद्र रूप भले ही शांत हो गया है, लेकिन जिले में लगातार हो रहे भूस्खलन से मुश्किलें बढ़ गई हैं। भूस्खलन की चपेट में मणिकर्ण घाटी का ब्रउेना, गड़सा का खोड़ाआगे, तीर्थन घाटी का रूपाजाणी, मनाली विस में जलौरा सहित कई गांव आ गए हैं। कई परिवार मकान छोडऩे को मजबूर हो गए हैं। जिले में बरसात के दौरान करीब 2,200 मकानों को क्षति पहुंची है।
पांच दिनों तक ऐसा रहेगा मौसम
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से 5 अगस्त तक कई भागों में बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान जताया गया है। 2 व 3 अगस्त के लिए कुछ भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, शनिवार रात को कसौली में 48.0, मशोबरा 33.0 और पंडोह में 31.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। शिमला में आज हल्की धूप खिलने के साथ बादल छाए हुए हैं।
पौंग बांध में फिर बढ़ा जलस्तर
कांगड़ा स्थित पौंग बांध में रविवार सुबह तक पानी का स्तर 1375.67 फीट दर्ज किया गया। बांध का पानी खतरे के निशान से 15 फीट नीचे है। बांध से शनिवार को 49,569 क्यूसिक पानी छोड़ा गया था। बांध में पानी का जलस्तर फिर बढऩे लगा है। शनिवार शाम को 56,140 क्यूसिक पानी बांध में जमा हुआ। बांध में अभी पानी खतरे के निशान से 15 फीट दूर है।
मानसून में 189 लोगों की जान गई, 704 मकान ढहे
सरकार के अनुसार आपदा, भारी बारिश से नुकसान का आंकड़ा 8,882.4 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस बार मानसून में 24 जून से 30 जुलाई तक प्रदेश में 189 लोगों की जान गई है। 218 लोग जख्मी हुए हैं। 704 मकान ढह गए, जबकि 7179 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस दौरान भूस्खलन की 73 और अचानक बाढ़ की 53 घटनाएं सामने आई हैं।